जहांगीरपुरी की घटना पर केजरीवाल अभी तक चुप्पी सादे हुए है

 

आम आदमी पार्टी ने हाल में पंजाब विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करके अपने प्रभाव का और विस्तार किया है|
अरविंद केजरीवाल अक्सर कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी सभी धर्मों को समान मानती है और उनका यकीन सभी के लिए न्याय के मौक़े देने में है. धर्म के आधार पर अक्सर बंटी हुई राजनीति देखने वाले भारत में लोगों ने आप के वादे को सराहा था.
लेकिन पिछले हफ़्ते दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हुए दंगों के बाद अब आलोचकों का सवाल है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुसलमानों के लिए कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं |

जहांगीरपुरी की घटना के लिए हिंदुओं और मुसलमानों दोनों संप्रदायों ने दंगे के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया है| मालूम हो कि ये दंगे तब हुए जब रामनवमी का जुलूस एक मस्जिद के सामने से निकल रहा था|
इस घटना के बाद केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मातहत काम करने वाली दिल्ली पुलिस ने ज़्यादातर मुस्लिम लोगों को इस मामले में गिरफ़्तार कर लिया |

साथ ही बीजेपी के ही नेतृत्व वाले नगर निगम ने इलाक़े में मौजूद अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए ‘बुलडोज़र’ का इस्तेमाल किया| हालांकि अतिक्रमण हटाने का यह अभियान सुप्रीम कोर्ट के दख़ल से रोक दिया गया| लेकिन सरकार के क़दम को लोगों ने ‘मुस्लिम दंगाइयों को सबक़ सिखाने’ के रूप में देखा|

आलोचकों का मानना है कि इतना सब होने के बावजूद अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया कोई ख़ास नहीं रही. इस घटना को घटे एक सप्ताह से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक उन्होंने उस इलाक़े का दौरा नहीं किया|

इतना ही नहीं उन्होंने इस मामले की निंदा भी दबी ज़ुबान में की. उन्होंने ‘हिंदुओं के जुलूस पर हमला करने वाले पत्थरबाज़ों’ की आलोचना तो की, लेकिन हथियार लेकर मार्च करने वाले उन लोगों की उन्होंने कोई आलोचना नहीं की, जिन्होंने कथित तौर पर भड़काऊ नारे लगाए|

293

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *