अविश्वास प्रस्ताव से कुछ घंटे पहले शिवसेना का मोदी सरकार को झटका, नहीं करेंगे समर्थन

शिवसेना गुरुवार को पूरे दिन एनडीए सरकार के विरोध में नजर आई थी लेकिन दोपहर देर तक खबर आई कि शिवसेना सरकार के समर्थन में ही वोट करेगी. पार्टी ने अपने सांसदों को संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप भी जारी कर दिया लेकिन पार्टी ने फिर यू टर्न ले लिया है.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के सांसदों से दिल्ली में रहने के लिए कहा है लेकिन मंत्री संजय राउत ने बयान दिया है कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय शुक्रवार को लिया जाएगा. इससे पहले दिन में शिवसेना ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों से एनडीए सरकार का समर्थन करने के लिए कहा था.

 

उद्धव ठाकरे के निकट सहयोगी हर्षल प्रधान ने बताया, ‘उद्धवजी ने सभी सांसदों से शुक्रवार को दिल्ली में मौजूद रहने के लिए कहा है और पार्टी के निर्णय के बारे में शुक्रवार को सुबह शिवसेना अध्यक्ष उन्हें बताएंगे.’ लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक चंद्रकांत खैरे ने बताया कि पहले के ‘नोटिस’ (व्हिप) में पार्टी सांसदों से कहा गया था कि उन्हें दिन भर संसद में मौजूद रहना होगा.

लोकसभा में शिव सेना की मुख्य व्हिप चंद्रकांत खैर ने कहा कि पार्टी के सांसदों को जारी किए गए पहले ‘नोटिस’ में कहा था कि उन्हें पूरे दिन संसद में उपस्थित रहना चाहिए. खैरे ने कहा, ‘सभी पार्टी सांसदों को बताया गया था कि अंतिम निर्णय उद्धव लेंगे और उन्हें बताया जाएगा.’ शिवसेना के एक सूत्र ने कहा कि पहले की व्हिप ‘गलती से’ जारी किया गया और इसे वापस लिया गया.

इससे पहले शिवसेना ने गुरुवार को कहा था कि वह लोकसभा में विपक्ष की ओर से लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करेगी. शिवसेना के चंद्रकांत खैरे ने लोकसभा में पार्टी के सभी सदस्यों को व्हिप जारी कर शुक्रवार को चर्चा के लिए प्रस्ताव लाए जाने के दौरान सदन में उन्हें मौजूद रहने और सरकार का समर्थन करने को कहा है.

अविश्वास मत में पार्टी की भूमिका को लेकर अटकलों को खत्म करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक करीबी सूत्र ने कहा कि लोकसभा में सरकार का समर्थन करने का फैसला किया गया है. बहरहाल, महाराष्ट्र में विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना की आलोचना करते हुए कहा था कि उसके ढोंग का पर्दाफाश हो चुका है.

एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा था, ‘शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी है लेकिन निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होने के बावजूद लगातार सरकार की नीतियों की आलोचना करती रहती है.’ उन्होंने कहा , ‘अविश्वास प्रस्ताव के दौरान एनडीए सरकार को समर्थन देने का शिवसेना का फैसला दिखाता है कि बीजेपी को लेकर उसका विरोध ढोंग है.’

 

मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम ने कहा था, ‘अब यह जाहिर हो चुका है कि बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ शिवसेना का नियमित बयान खोखला है. वे साथ हैं और वे साथ रहेंगे. एक दूसरे से लड़ने का उनका नाटक चलता रहेगा.’

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