नियमानुसार आज ही महाशिवरात्रि, कल भी व्रत का प्रावधान

 

महाशिवरात्रि के पर्व पर तीर्थराज प्रयाग के शिवमंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ने वाली इस शिवरात्रि का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था.

साथ ही महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने कालकूट नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था, जो समुद्र मंथन के समय बाहर आया था. इस दिन शिवमंदिरों में भक्त बेलपत्र,धतूरा, गंगा जल और दूध से अभिषेक करके मनोकामनायें मांगते हैं.

इस वर्ष महाशिवरात्रि पर अद्भुत संयोग भी बन रहा है और यह पर्व दो दिनों 13 और 14 फरवरी को मनाया जाएगा. तीनों लोकों के मालिक भगवान शिव का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है.

कहते हैं महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर पृथ्वी पर उन जगहों पर होते हैं, जहां-जहां उनके शिवलिंग हैं. यह पर्व फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है.

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