द्रविड़ से लेकर अध्यक्ष सौरव के एक के बाद एक खुलासे कर मचा बवाल

टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अचानक टीम से बाहर निकाल फेंका । ऋद्धिमान साहा ने इसके बाद हेड कोच राहुल द्रविड़ से लेकर BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के बारे में एक के बाद एक खुलासे कर बवाल मचा दिया है. अब राहुल द्रविड़ ने मीडिया के सामने इस विवाद पर सफाई दी है. बता दें कि विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा के लिए टीम इंडिया के दरवाजे लगभग बंद हो गए हैं. इस खिलाड़ी को श्रीलंका के खिलाफ 4 मार्च से शुरू हो रही 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया से ड्रॉप कर दिया गया है.

ऋद्धिमान साहा ने हेड कोच राहुल द्रविड़ और बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरव गांगुली पर बड़ा आरोप लगाया था. पत्रकारों से बातचीत में साहा ने कहा था, ‘कोच राहुल द्रविड़ ने कहा था कि मुझे रिटायरमेंट लेने के बारे में सोचना चाहिए. जबकि दादा (सौरव गांगुली) ने कहा था कि जब तक मैं BCCI का प्रेसिडेंट हूं तुम्हे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. बोर्ड प्रेसिडेंट की तरफ से ये बातें सुनकर मेरा कॉन्फिडेंस काफी बढ़ गया था.’

अब राहुल द्रविड़ ने मीडिया के सामने इस विवाद पर सफाई दी है. राहुल द्रविड़ का मानना है कि यह अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ‘सच्चाई और स्पष्टता’ का हकदार था. द्रविड़ ने कहा कि साहा से बात करने के पीछे उनका इरादा यह सुनिश्चित करना था कि उन्हें यह स्पष्ट तौर पर पता हो कि टीम में उनकी स्थिति क्या है और उन्हें इसका पछतावा नहीं है. द्रविड़ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में भारत की 3-0 से जीत के बाद कहा, ‘मैं वास्तव में आहत नहीं हूं. मैं साहा और भारतीय क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों और योगदान का बहुत सम्मान करता हूं. मेरी बातचीत इसी संदर्भ में थी. मुझे लगता है कि वह सच्चाई और स्पष्टता के हकदार हैं.’

साहा ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट मैच खेले हैं. इस 37 वर्षीय विकेटकीपर को वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी सीरीज के लिए टीम में नहीं चुना गया. वह रणजी ट्रॉफी में भी नहीं खेल रहे हैं. द्रविड़ ने कहा कि वह आगे भी खिलाड़ियों से इस तरह की स्पष्ट बातचीत जारी रखेंगे भले ही उन्हें यह रास आये या नहीं. उन्होंने कहा, ‘इस तरह की बातचीत मैं लगातार खिलाड़ियों के साथ करता हूं. मैं यह उम्मीद भी नहीं करता कि मैं खिलाड़ियों के बारे में जो कुछ कहता हूं वे हमेशा उससे सहमत होंगे.’

खिलाड़ी का निराश और आहत होना स्वाभाविक

द्रविड़ ने कहा, ‘आप खिलाड़ियों के साथ कड़ी बातचीत कर सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप बातों को दबाकर रखें और बातचीत न करें.’ द्रविड़ ने कहा कि वह प्लेइंग 11 का चयन करने से पहले खिलाड़ियों से बात करने की रणनीति अपनाते हैं. द्रविड़ ने कहा, ‘मैं हमेशा प्लेइंग 11 के चयन से पहले इस तरह की बातचीत में विश्वास रखता हूं और यह सवाल सुनने के लिए तैयार रहता हूं कि कोई खिलाड़ी क्यों नहीं खेल रहा है. खिलाड़ी का निराश और आहत होना स्वाभाविक है.

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