केजरीवाल ने पराली जलाने के मुद्दे पर एक ठोस योजना पर काम करने की मांग की

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को शनिवार को पत्र लिखकर प्रदूषण संबंधित समस्याओं में उनके हस्तक्षेप और पराली जलाने के मुद्दे से निपटने के लिए एक ठोस योजना पर काम करने की मांग की. केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि प्रदूषण के उच्च स्तर से न केवल नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा है बल्कि यह यहां की यात्रा पर आने वाले गणमान्य लोगों की नजर में भारत की गलत छवि को भी पेश करता है. उन्होंने पूछा, ‘‘पराली जलाने को पूरी तरह से रोकना सुनिश्चित करने के वास्ते तीन राज्यों में कितनी मशीनों की जरूरत होगी?”
जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली में प्रदूषण मुद्दे का ‘राजनीतिकरण’ करने का शनिवार को आरोप लगाया. केजरीवाल ने स्कूली छात्रों से पराली जलाने के कारण हो रहे प्रदूषण को लेकर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने के लिए कहा है. इसके एक दिन बाद जावड़ेकर ने इस मुद्दे के ‘राजनीतिकरण’ के लिए उनकी निंदा की और कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि वह आरोप प्रत्यारोप में लिप्त है. इसके बाद केजरीवाल ने जावड़ेकर को लिखे अपने पत्र में यह जानना चाहा कि उन क्षेत्रों में प्रभावों का कोई आकलन किया गया है जहां मशीनों को उपलब्ध कराया गया, क्या किसान इन मशीनों का इस्तेमाल कर रहे है और उन्होंने पराली जलाना बंद कर दिया है.
केजरीवाल ने पूछा, ‘‘केंद्र इन मशीनों को वार्षिक किश्तों में क्यों दे रही है? इस तरह, केंद्र कितने वर्षों में अपेक्षित संख्या में मशीनों को उपलब्ध करायेगा? क्या तब तक दिल्ली के लोग त्रस्त रहेंगे?” उन्होंने कहा, ‘‘जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल एक आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली में है. मुझे हैरानी है कि प्रदूषण के इतने उच्च स्तर से वह भारत की क्या छवि लेकर जायेगी.” उन्होंने कहा, ‘‘मास्क पहनकर क्रिकेट खेलने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों की तस्वीरें भारत की अच्छी छवि पेश नहीं करती है.

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