जीएसटी काउंसिल की बैठक आज से शुरू

जीएसटी काउंसिल की महत्‍वपूर्ण बैठक आज से शुरू होगी । इसमें व्‍यापारियों के हितों से जुड़े सरलीकृत रिटर्न फॉर्म और आम जिंदगी से जुड़े कई महत्‍वपूर्ण प्रस्‍तावों पर फैसला संभव है। इसके साथ ही जीएसटी नेटवर्क को सरकारी कंपनी में परिवर्तित करने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी मिल सकती है। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली इसकी अध्‍यक्षता करेंगे। बैठक में हर राज्‍य के वित्‍त मंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रूबरू होंगे।आपको बता दें कि यह बैठक तब हो रही है जब जीएसटी से वसूली का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। बैठक में गन्‍ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए चीनी पर सेस लगाने के प्रस्‍ताव पर भी चर्चा संभव है। इस फंड का इस्‍तेमाल सरकार चीनी मिलों को राहत प्रदान करने में करेगी।

इन पांच प्रस्‍तावों को मंजूरी संभव

  1. रिटर्न सरल करने पर : सुशील मोदी के नेतृत्‍व वाला मंत्री समूह जीएसटी रिटर्न को सरल बनाने के प्रस्‍ताव पर चर्चा करेगा। इसमें रिटर्न के नए मॉडल रखे जाएंगे. पहले मॉडल के रिटर्न फॉर्म में प्रस्‍ताव है कि जब तक करदाता कर और रिटर्न फाइल नहीं कर देगा तब तक उसे प्रोविजिनल क्रेडिट की सुविधा प्रदान नहीं की जाएगी। दूसरे मॉडल में प्रोविजिनल क्रेडिट दे दिया जाएगा लेकिन उसे तीन से चार माह में रिटर्न अनिवार्य रूप से भरना होगा। यह भी कहा गया है कि कर अनिवार्य रूप से भरना होगा नहीं तो क्रेडिट रकम वापस ले ली जाएगी।
  2. जीएसटीएन प्रस्‍ताव : मंत्रियों का समूह जीएसटी नेटवर्क के प्रस्‍ताव पर भी चर्चा करेगा। मौजूदा समय में जीएसटीएन कंपनी में पांच प्राइवेट संस्‍थानों की 51% हिस्‍सेदारी है. इसमें एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एनएसई स्‍ट्रेटजिक इनवेस्‍टमेंट कंपनी और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड शामिल हैं। इस कंपनी का गठन संप्रग सरकार के समय 28 मार्च, 2013 को हुआ था। शेष 49 फीसदी हिस्‍सेदारी केंद्र और राज्‍यों की है।
  3. शून्‍य रिटर्न पर फैसला संभव : जीएसटी काउंसिल शून्‍य (NIL) रिटर्न पर कुछ राहत दे सकती है। अगर फैसला होता है तो एक तिमाही में एक बार रिटर्न दाखिल करने की छूट मिल जाएगी। अभी शून्‍य कारोबार पर भी रिटर्न हर माह फाइल करना होता है।
  4. छोटे और मझोले उद्यम : सुशील मोदी की अध्‍यक्षता वाला मंत्रियों का समूह (GoM) छोटे और मझौले करदाताओं के लिए भी रिटर्न के नियम सरल बनाने पर विचार कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे छोटे और मझोले व्‍यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
  5. कम्‍पोजिट करदाता : कम्‍पोजिट योजना के करदाता के लिए तिमाही रिटर्न फाइल करने की सुविधा जारी रहेगी। वहीं अन्‍य व्‍यापारियों के लिए मंथली रिटर्न फाइल करने के नियम में भी कोई बदलाव न होने की संभावना है।
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