पाकिस्तान अभी FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार, पाकिस्तान को टेरर फंडिंग के लिए ग्रे लिस्ट में रखा था
टास्क फोर्स के अधिवेशन में लिया गया फैसला
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने कहा कि FATF के ऑनलाइन अधिवेशन के समापन पर यह फैसला लिया गया| प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान की एक्शन पॉलिसी को लेकर एफएटीएफ चाहता है कि पाकिस्तान की तरफ से टेरर फंडिंग के खिलाफ की जाने वाली जांच सामने रखी जाए और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कर्रवाई की जाए|
2018 से ही ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
बता दें, पाकिस्तान साल 2018 से ही एफटीएएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है| पाकिस्तान को वैश्विक FATF मानकों को प्रभावी ढंग से लागू करने में विफल रहने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा चिन्हित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों की जांच और अभियोजन पर प्रगति की कमी के चलते ‘ग्रे सूची’ में रखा गया था|पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की भी ग्रे लिस्ट में है. एफएटीएफ के अध्यक्ष प्लेयर ने कहा कि तुर्की को भी अपने एक्शन प्लान पर कार्रवाई दिखानी होगी| मॉरीशस और बोत्सवाना एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर हो गया है|