त्रिलोकपुरी व मयूर विहार फेज-1 के बीच हफ्तेभर में दौड़गी मेट्रो
त्रिलोकपुरी व मयूर विहार फेज-1 के बीच हफ्तेभर में मेट्रो दौड़ने लगेगी। पिंक लाइन के सबसे छोटे, लेकिन बेहद अहम हिस्से के तौर पर त्रिलोकपुरी-मयूर विहार पॉकेट-1 के बीच ट्रायल शुरू हो गया है। जल्द ही सेफ्टी कमिश्नर (मेट्रो) इस ट्रैक की मजबूती के मुआयने पर निकलेंगे।
अधिकारियों का दावा है कि महीने के आखिर तक इस रूट पर संचालन शुरू हो जाएगा। दिलचस्प यह कि इसके बनने से दिल्ली मेट्रो का अपना पहला रिंग मेट्रो कॉरीडोर हकीकत बनेगा। इससे पूर्वी दिल्ली से दक्षिणी, उत्तरी और पश्चिम दिल्ली की मार्केट से सीधी कनेक्टिविटी मिल सकेगी। मेट्रो स्टेशनों के आसपास बैंक, शिक्षण संस्थान, मॉल्स, शॉपिंग प्लाजा तक पहुंचने में आसानी से लाखों लोगों की सहूलियतें बढ़ जाएंगी।
उधर, दिल्ली विकास प्राधिकरण इस इलाके में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पर काम कर रहा है। इससे लोग अपने घर से पैदल चलकर सार्वजनिक परिवहन की सुविधा ले सकेंगे। वहीं, वाणिज्यिक, शैक्षणिक व कार्यालयीय सेवाएं भी कदमों पर होंगी। इससे पहले इस हिस्से में मेट्रो न होने की वजह से पिंक लाइन के दोनों सिरे एक-दूसरे से नहीं जुड़ सके थे और मेट्रो दो हिस्सों में चल रही थी। मजलिस पार्क-मयूर विहार और शिव विहार-त्रिलोकपुरी के बीच ही सेवा मौजूद थी।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में ओवरहेड इंटरलिंकिंग काम इस हिस्से में पूरा कर लिया गया। इसके बाद सिग्नल टेस्टिंग सहित सभी तकनीकी पहलुओं पर मेट्रो का ट्रायल चल रहा है। जल्द ही सेफ्टी कमिश्नर ट्रैक की जांच करेंगे। उम्मीद है कि इस महीने के आखिर तक त्रिलोकपुरी मयूर विहार पॉकेट-वन के बीच मेट्रो चलने लगेगी।
त्रिलोकपुरी में डीएमआरसी ने विकसित की हैं वाणिज्यिक सेवाएं
डीएमआरसी ने त्रिलोकपुरी मेट्रो स्टेशन की पहली मंजिल पर करीब 2500 वर्ग मीटर क्षेत्र में वाणिज्यिक गतिविधियों की शुरुआत करेगी। संजय लेक के पास 15 साल के लिए इस क्षेत्र को लीज पर दिया जाएगा। मेट्रो के तैयार होने से त्रिलोकपुरी-मयूर विहार पॉकेट-वन के बीच की दूरी नहीं रहेगी। इसके इर्द-गिर्द स्थित सोसाइटी, शैक्षणिक संस्थानों के साथ लोगों को तमाम सुविधाएं मेट्रो स्टेशन के नजदीक उपलब्ध होंगी।
डीडीए तैयार कर रहा है इंटीग्रेटेड कांप्लेक्स
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने संजय लेक के नजदीक इंटीग्रेटेड कांप्लेक्स के लिए एनबीसीसी के साथ करार किया है। इसके तैयार होने से मेट्रो स्टेशनों के आसपास की तमाम गतिविधियां यात्रियों के लिए सुलभ हो जाएंगी। मौजूदा सुविधाओं और गतिविधियों में बढ़ोतरी से टीओडी की दिशा में भी मेट्रो की अहम भूमिका होगी।