विज्ञान भवन में हुआ नवम राष्ट्रीय अटल सम्मान समारोह, देश विदेश की 12 विभुतियों को दिये गये अटल सम्मान

 

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में विज्ञान भवन में नवम राश्ट्रीय ‘अटल सम्मान समारोह’ व संगीतमय अटल गाथा का आयोजन किया गया। यह आयोजन अटल सम्मान समारोह ट्रस्ट ने किया। कार्यक्रम के आयोजक ट्रस्ट के राश्ट्रीय अध्यक्ष कवि भुवनेश सिंघल रहे।

समारोह की अध्यक्षता सांसद व अभिनेता मनोज तिवारी ने की तथा मुख्य अतिथि दुबई से पधारे याकूब मूसा मोहम्मद रहे। विषिश्ट अतिथि दिल्ली विधानसभा के मुख्य सचेतक प्रतिपक्ष अजय महावर रहे। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम के आयोजक व ट्रस्ट के अध्यक्ष भुवनेश सिंघल ने किया। मंच के सह संचालक प्रसिद्ध एंकर संतोष टण्डन रहे। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व समारोह के संरक्षक श्याम जाजू, विधायक अजय महावर सहित दिल्ली के सभी 8 विधायक व 104 नवनिर्वाचित पार्शद इस आयोजन में आमंत्रित किये गए थे। अटल सम्मान समारोह के वाईस चेयरमैन नीरज गुप्ता व डिप्टी चेयरमैन नवीन तायल ने आने वाले सभी दर्शकों का स्वागत पुश्प माला पहनाकर व तिलक लगाकर किया।


समारोह के प्रारम्भ में प्रसिद्ध कथा वाचक अजय भाई ने अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन संस्मरणों व उनकी कविताओं का संगीतमय पाठ किया जिसे सुनकर सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये। बार-बार बजती लोगों की तालियां सभागार को गुंजा रहीं थी। लोगों ने बताया कि इस तरह से अटल जी पर अटल गाथा का आयोजन पहली बार देखा जो आजीवन स्मृतियों में बना रहेगा। अटल गाथा के पष्चात अटल सम्मान समारोह के दौरान देष भर से चयनित सभी 12 लोगों का सम्मान सांसद मनोज तिवारी, विधायक अजय महावर व समारोह के आयोजक भुवनेष सिंघल ने किया। समारोह के रोशन कंसल व नीरज गुप्ता ने चयनित सभी 12 अवॉर्डियों के सम्मान पत्र का वाचन किया। स्क्रीन पर सभी 15 अटल अवॉर्डियों के परिचय व कार्यों को दिखाया गया। तत्पष्चात सभी अवॉर्डियों को 51 वेदपाठी ब्रहमणों द्वारा शंखनाद व मंत्रोच्चार के बीच विशेष सम्मान भेंट किया गया जिसमें सर्वप्रथम उन्हें चौकी पर स्थान देकर उनका तिलक किया गया, तत्पष्चात उन्हें श्रीफल भेंट किया गया। उसके बाद वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से विशेष तौर पर मंगाई पुष्प माला पहनाई जाएगी, जेम माईन्स की विशेष रत्नों की माला, चांदी का विशेष प्रतीक चिन्ह, ग्यारह हजार रूपये की सम्मान राषि, अंग वस्त्र, अटल समारोह का विशेष बैग, अटल समारोह का विशेष मास्क, स्मृतियां अटल हैं पुस्तक तथा एक सम्मान पत्र सहित कुल 10 वस्तुएं भेंट कर सम्मानित किया गया। इस वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में दिये गये अटल सम्मान निम्न प्रकार हैं….
1. कन्हैया मित्तल, प्रसिद्ध भजन गायक, चंडीगढ, अटल संस्कृति षिखर सम्मान
2. यषपाल षर्मा, हरियाणा – फिल्म कलाकार – अटल कलाकीर्ति षिखर सम्मान
3. अजय भाई, दिल्ली – कथा वाचक – अटल प्रज्ञ षिखर सम्मान
4. दिव्या काकरान, अर्जुन अवॉर्डी, खिलाड़ी, महिला रेसलर, गोल्डमेडलिस्ट, अटल क्रिडा षिखर सम्मान
5. षबना षषिधरन, नृत्यांगना, केरल, अटल नृत्य निश्णात् षिखर सम्मान
6. प्रभु चन्द्र मिश्रा, बिहार, अटल अन्वेशी षिखर सम्मान
7. प्रीति गुप्ता, पार्शदा व फिल्म निर्माता – अटल उज्ज्वला षिखर सम्मान
8. बीरेन्द्र मेहरा, अटल विभुति षिखर सम्मान
9. ओमप्रकाष परमार, अटल समाज सेवी षिखर सम्मान
10.राजीव गुप्ता, अटल सेवा षिखर सम्मान
11.रवि कुमार वार्श्णेय, अटल श्रीयुत षिखर सम्मान
12.अनुज माथुर, राजस्थान, मेजर जनरल, विषिश्ट सेवा मेडल से सम्मानित, अटल षौर्य षिखर सम्मान

इस अवसर पर ट्रस्ट के संरक्षक सांसद व अभिनेता मनोज तिवारी ने कहा कि इस आयोजन की भव्यता ने इसको दिव्यता प्रदान कर दी है, 51 ब्राहमणों द्वारा षंखनाद व मंत्रोच्चार तथा श्रीफल, तिलक, चौकी आदि से इस प्रकार से अपनी सांस्कृतिक पहचान व परम्पराओं से सम्मान देने की भुवनेष सिंघल की सोच ने इस अटल सम्मान समारोह को दिव्यता प्रदान कर दी। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि यह नौवां आयोजन है और इसमें अब तक सैकड़ो कलाकारों को अटल सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। पहले यह आयोजन संसद भवन एनेक्सी में होता रहा मगर अब यह विगत कुछ वर्शों से विज्ञान भवन में किया जा रहा है। इस आयोजन में सभी विधायकों व पार्शदों का उपस्थित रहना भी इसकी गरिमा को और अधिक भव्य कर गया।
चयनसमिति के सदस्य पद्मश्री नलिनी-कमलनी व कुमार विषु ने बताया कि देष के महानायक अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित देष के इस भव्य अटल सम्मान के लिए देष-विदेष के हजारों आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से मात्र 12 लोगों का चयन करना हम सभी के लिए कठिन था, इसके लिए अनेक दौर की बैठकें लगातार की गईं तब जाकर सभी ने सहमति से इन चयनित लोगों का अटल सम्मान-2022 के लिए चुना और आज आपके सामने उन्हें यह अटल सम्मान दिया गया। इनके अलावा भी बहुत से ऐसे लोग थे जो बहुत योग्य थे मगर किसी का कार्यक्षेत्र अलग हो गया तो किसी को कड़ी मषक्कत के बाद भी नहीं चुना जा सका। मगर हर प्रयास जीवन का अंतिम प्रयास नहीं होता इसलिए जिनका चयन इस वर्श नहीं हो पाया वो और अधिक समर्पण से देष सेवा करें व और अगले वर्श फिर प्रयास करें। अटल सम्मान से सम्मानित कन्हैया मित्तल ने अपने वक्तव्य में अटल सम्मान देने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि आज भजनों के क्षेत्र को सम्मानित किया जा रहा है तो ये सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का जीवंत उदाहरण है, उन्होंने लोगों की मांग पर जो राम को लाये हैं अपना चर्चित भजन सुनकर लोगों को झूमने को मकबूर कर दिया, कन्हैया मित्तल के भजन की हर लाइन पर लोग खड़े होकर झूम रहे थे, उन्होंने भी काफी देर तक लोगों की फरमाइशों पर भजन सुनाए, वहीं अभिनेता यशपाल शर्मा ने चयन समिति के कुमार विशु, नलिनी कमलनी, मनोज तिवारी सोनू शर्मा व विशेषकर भुवनेश सिंघल का धन्यवाद किया और अपनी कुछ डायलॉग व कविताएं भी सुनाई, वहीं अर्जुन अवार्डी दिव्या काकरान व मेजर जनरल अनुज माथुर आदि सभी अवॉर्डीयों ने अपना वक्तव्य रखा।
वहीं कार्यक्रम के आयोजक भुवनेष सिंघल ने मंच का संचालन करते हुए अपने वक्तव्य में बताया कि यह उनका नौवां आयोजन है जिसमें विभिन्न कार्यक्षेत्रों के लिए कलाकारों, मनीशियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों, राजनीतिज्ञों, सैनिकों आदि सहित देश-विदेश के 12 चयनित योग्य लोगों को अपनी भारतीय परम्परा व सस्कृति के अनुसार सम्मानित किया गया। सिंघल ने यह भी बताया कि यह देश का एकमात्र ऐसा आयोजन है जिसका गठन स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी के जीवित रहते हुआ था और यह देश का प्रथम अवॉर्ड फंक्शन है जो वर्ष 2014 में अटल बिहारी वाजपेयी के रहते हुए प्रारम्भ हुआ था। वहीं सिंघल ने यह भी बताया कि अटल सम्मान देश-विदेश से प्राप्त सैकड़ों आवेदनों की गहन पड़ताल के बाद चयन समिति के सदस्य सांसद व कलाकार मनोज तिवारी, पद्मश्री नलिनी-कमलनी, गायक कुमार विशु, माटिवेषनल स्पीकर सोनू षर्मा व साहित्यकार भुवनेष सिंघल द्वारा विभिन्न कार्यक्षेत्रों के 12 लोगों का चयन किया गया।
इस अवसर पर भुवनेश सिंघल ने अटल जी के साथ के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि उन्होनें स्वयं अटल जी के निवास कृष्णन मेनन मार्ग पर जाकर अटल जी के महाप्रयाण से कुछ दिवस पहले ही अटल जी को स्वयं अपने हाथों से भेंट किया था जिसमें उन्होनें अटल जी को अंगवस्त्र पहनाया था तथा श्रीफल व प्रतीक चिन्ह भेंट किया था। उन्हें नहीं पता था कि जो सम्मान वो अटल जी को दे रहे हैं वह अटल जी को प्राप्त उनके जीवन का अंतिम सम्मान सिद्व होगा। इस अवसर पर उपस्थित होने वाले लगभग तीन हजार दर्शकों का स्वागत पुश्प माला व तिलक से किया गया तथा अंत में सभी दर्षकों को अटल जी की यादों से जुड़ा एक प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।

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