वर्क फ्रॉम होम के बाद फिर खुल रहे हैं ऑफिस, तो ऐसे करें खुद को तैयार !

कोरोना वायरस की तीसरी लहर के कुछ हद तक शांत होने के बाद देशभर से कोविड से जुड़े प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। दिल्ली में स्कूल-कॉलेजों को पूरी तरह से खोला जा रहा है। ऐसे में ज़्यादातर कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाने की तैयारी में लगी हैं। ऐसे कई ऑफिस हैं जो साल 2020 में अचानक लगे कोविड लॉकडाउन के बाद अब यानी दो साल बाद खुलने जा रहे हैं। घर से काम करने और लॉकडाउन की वजह से हम सभी की कई सारी आदतें बदल गईं। हमने इन दो सालों में खुद को घर का और ऑफिस का काम एक साथ मैनेज करने की आदत डाली।

अब दो साल के लंबे समय बाद जब दोबारा ट्रेवल कर ऑफिस जानें की बात हो रही है, तो ज़ाहिर है कई लोगों को बेचैनी और घबराहट महसूस हो रही होगी। ऐसा महसूस होना आम बात है, लेकिन आप कुछ टिप्स की मदद से खुद को इस बदलाव में आसानी से ढाल सकते हैं।

मनोवैज्ञानिक के अनुसार आपको अधिक आरामदायक महसूस करने में मदद करने के लिए आंखें बंद करें और सोचें कि आपका ऑफिस कैसा दिखता है, आपकी बैठने की जगह, रिसेप्शन, इससे मानसिक रूप से आप कुछ हल्का महसूस करते हैं। लोगों को चिंता से भरी स्थितियों से निपटने में मदद करने के लिए कल्पना करना  शक्तिशाली साबित होता है। जब आप ऐसा करते हैं, तो आप मानसिक तौर पर बेहतर महसूस करते हैं।

अब जब आप वापस ऑफिस जा रहे हैं, तो आपको अपनी टेबल और कुर्सी या बैठने की जगह पुरानी लगेगी। ऐसे में क्यों न वहां कुछ बदलाव करें। अपने बच्चों या परिवार की नई तस्वीरें लगाएं। कुर्सी पर रंगबिरंगा कुशन रख लें। बोर्ड को सजा लें। डेकोरेटिव चीज़ों का इस्तेमाल करें। रिसर्च कहती है कि जो लोग अव्यवस्थित वातावरण में काम करते हैं, वे आमतौर पर अपरिचित तनाव से पीड़ित होते हैं। लगातार दस्तावेजों की खोज करने या गन्दे लैपटॉप पर कुछ भी ढूंढ़ने में नेविगेट महसूस करते हैं।

इसलिए अपने ड्रॉअर को साफ करें, पुराने काग़ज़ या फाइलें जिनकी आपको ज़रूरत नहीं उन्हें फेकें। आप अपने डेस्क पर इसेंशियल ऑयल डिफ्यूज़र, स्ट्रेस बॉल जैसी चीज़ें भी रख सकते हैं।

घर से काम करने पर हम में से ज़्यादातर लोग सुबह आराम से उठते हैं। आपको दिन में सोने की आदत भी पड़ गई होगी। इसलिए अच्छा है कि आप वापस ऑफिस जाने से एक हफ्ता पहले अपनी नींद के शेड्यूल में बदलाव कर लें। जल्दी उठें, समय पर नाश्ता करें और समय पर रात में सो जाएं। आपके शरीर को वापस इस शेड्यूल में आने में वक्त लगेगा।

 

पिछले दो साल हम सभी के लिए दर्दनाक रहे हैं, इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं होगी कि काम पर वापसी अवसाद जैसी मौजूदा स्थितियों को ट्रिगर कर दे। कोशिश करें कि खुद पर ज़्यादा प्रेशर न डालें। अगर आप ज़्यादा घबराहट या बेचैनी महसूस करते हैं, तो अपने सीनियर से इस बारे में बात करें। अच्छा है कि मेडिकल मदद लें, जिससे आप जल्दी इस दौर से निकल पाएं।

 

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