‘एमेजोन’ द्वारा भारत के मानचित्र और राष्ट्रध्वज का निरंतर अपमान !

भारत का राष्ट्रध्वज और भारत का मानचित्र अर्थात नक्शा यह करोडों भारतीयों की राष्ट्रीय अस्मिता का विषय है । राष्ट्रध्वज के उपयोग के संबंध में ‘ध्वजसंहिता’ में नियम दिए गए हैं । उनका उल्लंघन करना अपराध है । भारत के नक्शे का विकृतीकरण करना भी अपराध है । ऐसा होते हुए ‘एमेजोन’ कंपनी ध्वज संहिता का उल्लंघन करते हुए भारत का राष्ट्रध्वज छपे टी-शर्ट, जूते आदि उत्पादन तथा विकृतीकरण किए हुए भारत के नक्शे के विनाइल स्टीकर्स का विक्रय वेबसाइट द्वारा कर रही है । इससे पूर्व अनेक बार ‘एमेजोन’ कंपनी को इस संबंध में सूचित किया गया है; परंतु कंपनी किसी प्रकार का परिवर्तन न करते हुए विक्रय कर रही है । भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों का निरंतर अपमान करनेवाली ‘एमेजोन’ कंपनी की यह मुंहजोरी अब रोकनी ही चाहिए । जब तक ‘एमेजोन’ कंपनी भारत सरकार और भारतीय जनता से सार्वजनिक क्षमायाचना नहीं करती, तब तक ‘एमेजोन’ कंपनी का बहिष्कार किया जाए, ऐसा आवाहन करते हुए भारत सरकार ‘एमेजोन’ पर तत्काल कानूनी कार्यवाही करे, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री मा. श्री. अमित शाह से की है । इससे संबंधित एक निवेदन हाल ही में मा. गृहमंत्री को भेजा गया है ।

इस निवेदन में कहा गया है कि, भारत के नक्शे से पाक व्याप्त और चीन व्याप्त कश्मीर का भू भाग हटा हुआ भारत का नक्शा छपे हुए विनाइल स्टीकर्स तथा अशोक चक्र सहित तिरंगा छपे हुए टी-शर्ट और जूते बेचने का एमेजोन का यह कार्य पहली बार ही नहीं है । इससे पूर्व भी एमेजोन ने राष्ट्रध्वज के समान ‘तिरंगा मास्क’,‘तिरंगा टोपी’ आदि उत्पादनों का विक्रय करते हुए राष्ट्रध्वज का अनादर किया है । कुछ दिनों पूर्व तो ऐमेजोन पर गांजा की बिक्री हुई है, यह भी उजागर हुआ था । इस संदर्भ में समिति ने ‘सुराज्य अभियान’ की ओर से केंद्र सरकार से शिकायत की थी ।

संप्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम,1950 की धारा 2 और 5 के अनुसार; ‘राष्ट्र प्रतिष्ठा अवमान प्रतिबंधक अधिनियम 1971’ की धारा 2 के अनुसार और ‘बोधचिन्ह एवं नाम (अनुचित उपयोग प्रतिबंधित) अधिनियम 1950’ इन तीनों कानूनों के अनुसार दंडनीय अपराध है । इसीलिए एमेजोन प्रतिष्ठान पर सरकार कठोर कार्यवाही करे, ऐसी हमारी मांग है । यदि सरकार ने इसके अनुसार कार्यवाही नहीं की, तो ऐसा चित्र उत्पन्न होगा कि, भारतीय कानून निरुपयोगी हैं तथा कोई भी राष्ट्रध्वज और मानचित्र का अपमान करने का साहस करेगा ।

 

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