सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने के दावे लगातार करती है, लेकिन यमुना में जहरीले झाग देखे जा रहे हैं

सरकार के लाख दावों और कोशिशों के बाद भी दिल्ली में यमुना नदी साफ नहीं हो सकी है। प्रदूषण कम नहीं हो पा रहा है। शनिवार को कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी में जहरीले झाग की मोटी परत तैरती दिखाई दी। सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने के दावे लगातार करती रही है, लेकिन यमुना में कई जगह पानी में जहरीले झाग देखे जा रहे हैं।
हालांकि, दिल्ली के मास्टर प्लान-2041 में पर्यावरण पर भी विशेष जोर दिया गया है। इसके तहत राजधानी में हरियाली की गुणवत्ता में सुधार के साथ यमुना प्रदूषण व पानी की बुनियादी जरूरतों पर भी जोर दिया गया है। साथ ही दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए साइकिल ट्रैक की भी आवश्यकता बताई गई है।

मास्टर प्लान के मुताबिक, दिल्ली को हरा भरा शहर बताया गया है, लेकिन यहां हरियाली का वितरण असमान है। दिल्ली के कई स्थानों पर हरियाली की गुणवत्ता में भी सुधार की आवश्यकता बताई गई है। भूगौलिक व मानवीय कारणों की वजह से दिल्ली वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण से ग्रसित है। इससे स्थानीय जैव विविधता के साथ-साथ इंसानों को भी खतरा है।

डीडीए ने मास्टर प्लान में दिल्ली में पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पानी के पुन: उपयोग पर जोर दिया है। मास्टर प्लान में कहा गया है कि पुन: उपयोग की कार्यनीति की कमी के कारण पानी बर्बाद होता है। इससे दिन-प्रतिदिन की बुनियादी जरूरतों पर भी प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि प्रति व्यक्ति पेयजल को 60 गैलन से कम कर 50 गैलन करने का प्रस्ताव दिया गया है और इसकी कमी को उपचारित पानी से पूरा करने का विचार है।

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