सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती संस्थान का किया गठन

सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे और करने की इच्छा रखनेवालों के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया। सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती संस्था यानी National Recruitment Agency के गठन को हरी झंडी दे दी है । रेलवे, बैंकिंग और SSC संबंधित जितनी भी सरकारी (केंद्र) नौकरी के लिए कोई अप्लाइ करना चाहेगा उसे अब कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (Common Eligibility Test) देना होगा। मतलब अलग-अलग एग्जाम और अलग-अलग टाइम पर एग्जाम के झंझट को सरकार ने खत्म कर दिया।

अबतक केंद्र सरकार में नौकरियों के लिए विभिन्न संस्थाएं एग्जाम करा रही थीं। इसमें स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC), रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) और इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग सिलेक्शन (IBPS) शामिल हैं ।

हर साल केंद्र सरकार लगभग 1.25 लाख सरकारी नौकरी निकालती है जिनके लिए 2.5 करोड़ से 3 करोड़ तक आवेदन आते हैं ।

सबसे पहला सवाल मन में आएगा कि आखिर इसे बनाया क्यों गया है। तो सरकार ने बताया है कि इससे गरीब छात्रों पर आर्थिक दबाव कम होगा । फिलहाल छात्र को अलग-अलग भर्ती के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने होते हैं । इससे फॉर्म का खर्च, एग्जाम देने जाने का खर्च, वहां रहने का खर्च तरह-तरह के खर्च आर्थिक प्रेशर डालते हैं। सरकार का कहना है कि इससे यह सब कम होगा।

साल में दो बार मौका, तीन साल तक रहेगा CET स्कोर

राष्ट्रीय आयोग की परीक्षा साल में दो बार होगी. एक बार का अंक अगले तीन सालों के लिए काम आएगा। अगर किसी को लगता है कि उसके कम अंक मिले हैं तो अगले बार वह फिर से परीक्षा दे सकता है। ऐसा नहीं है कि CET एक ही बार दिया जा सकता है। ऐज लिमिट के हिसाब से यह कितनी बार भी दिया जा सकेगा।लेकिन साल में सिर्फ दो बार. इसके लिए ऐज लिमिट पहले से चले आ रहे नियमों के हिसाब से होगी।

कैसा होगा एग्जाम

इसके बारे में अभी सिर्फ इतना ही बताया गया है कि CET का सिलेबस सबका एक सा होगा। बस टेस्ट का लेवल तीन स्टेज के हिसाब से होगा।पहला ग्रेजुएट, दूसरा हायर सेंकंडरी (12वीं) और तीसरा दसवीं। बताया गया है कि यह CET संविधान की आठवीं अनुसूची के हिसाब से 12 भाषाओं में हुआ करेगा।

नकल के चांस कम होंगे

सरकार का दावा है कि National Recruitment Agency सिस्टम के आने से परीक्षा में नकलचियों पर भी लगाम लगेगी। हर शख्स को एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा। इसी आईडी नंबर के आधार पर प्रश्नपत्र भी मिलेगा। परीक्षार्थी का प्रश्नपत्र भी एक दूसरे से अलग होगा ।

  • बताया गया है कि लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए लगभग हर जिले में एग्जाम सेंटर्स बनाए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने शुरुआती रूप से 3 साल के लिए 1517 करोड़ रुपये का फंड दिया है। यह पैसा NRA और एग्जाम सेंटर बनाने में काम आएगा।
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