अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में किया जायेगा परिवर्तन, भूमि पूजन में मंदिर आंदोलन से जुड़े सभी लोगो को होगा निमंत्रण

 

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के लिए भव्य तैयारियां चल रही हैं। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम की तारीख 5 अगस्त को तय की गई है जिसमें पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा मंदिर आंदोलन से जुड़े लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के आने की संभावना है। हालांकि पीएम मोदी के आने के पुष्टि अभी तक नहीं की गई है।इस कार्यक्रम में चांदी की शिलाओं का पूजन किया जाएगा।जिन्हें महंत नृत्य गोपाल दास मंदिर को अर्पित करेंगे। काशी और अयोध्या के 11 पुजारी पूजन करवाएंगे. हालांकि कोरोना की वजह से इस आयोजन में कम ही लोग शामिल होंगे. मिल रही जानकारी के मुताबिक भूमि पूजन गर्भगृह वाले स्थान पर होगा। 5 शिलाओं का पूजन होगा। इसके लिए 40 किलो के वजन वाली शिलाएं बनवाई गई हैं।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि भूमि पूजन में शामिल होने वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है। ऐसे लोगों को शीघ्र ही निमंत्रण भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले संतों के साथ-साथ नेताओं को भी बुलाया जाएगा। कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के 5 अगस्त के अयोध्या में राममंदिर आधारशिला रखने के कार्यक्रम में सीमित लोगों को शामिल किया जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व सरकार इसकी तैयारी कर रही है। भूमि पूजन में अयोध्या के प्रमुख संत , राम मंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं व संतों को भी आमंत्रित किया जाएगा। राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी रहे लालकृष्ण आडवाणी , मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत भी भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
ट्रस्ट की नजर में सभी वह लोग जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भाग लिया उन सभी को इस एतिहासिक अवसर पर आमंत्रित करने की योजना बन रही है। कामेश्वर चौपाल ने बताया कि मंदिर मॉडल में विस्तारीकरण कर दिया गया है। दो गुंबज से 5 गुंबज होगा। इसके लिए ट्रस्ट ने गृभ गृह की सोल टेस्टिंग कराई थी। 200 फिट मिट्टी को लेकर परीक्षण के बाद ही मॉडल के विस्तारीकरण पर मोहर लगी है। कहा कि जिन्होंने राम मंदिर के लिए संघर्ष किये वह धन्य है।
तराशी गई शिलाओं को….
ट्रस्ट के सदस्य कामेश्ववर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर में लगने वाली शिलाओं को तराशने के बाद अब धुलाई का काम शुरू हो गया है। मंदिर के पुराने नाप के हिसाब से 175000 स्क्वाएर फिट पत्थरों की जरूरत थी. करीब एक लाख स्क्वाएर फिट पत्थर तराशे जा चुके हैं। अब मंदिर बड़ा बनने से ज्यादा पत्थरों की जरूरत होगी।
पुराने मॉडल से कितना अलग होगा नया मंदिर
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि मॉडल में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। लेकिन भव्यता के लिए ऊंचाई और दिव्यता के लिए थोड़ी चौड़ाई बढ़ा दी जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि पहले तीन गुंबद थे और अब पांच गुंबद हो जाएंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि उनका जवाब था कि पहले नाप 47000 स्क्वाएर फिट थी अब 57000 स्काएर फिट हो जाएगी तो पांच गुंबद भरने हैं और अब मंदिर की ऊंचाई 161 फिट हो जाएगा।

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