जगन मोहन रेड्डी ने एक-एक करोड़ रुपये देने का किया ऐलान, आयोग का प्रदेश सरकार और केंद्र को नोटिस


आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमर उद्योग में रासायनिक गैस लीक हो गई। आरआर वेंकटपुरम गांव में गुरुवार की सुबह हुई इस घटना में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 800 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर चिंता व्यक्त की। फिलहाल गैस के रिसाव पर काबू पा लिया गया है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस गैस लीक की वजह से लोगों की मौत और तबीयत बिगड़ने पर आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया है। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से इलाज और बचाव कार्य की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही आंध्र के पुलिस महानिदेशक को भी एक नोटिस जारी किया है। इसमें उनसे चार सप्ताह के इस बात की जानकारी देने को कहा गया है कि इस मामले में कितनी एफआईआर दर्ज हुईं और जांच की स्थिति क्या है।

सीएम जगन मोहन रेड्डी ने किंग जॉर्ज अस्पातल में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात की। सीएम ने कहा कि हादसे के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये और अस्पताल से छुट्टी मिलने वाले मरीजों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। पांच सदस्यीय कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी।
एनडीएमए ने कहा कि यह एक रासायनिक आपदा है, प्रतिक्रिया के लिए रासायनिक पक्ष पर, रासायनिक प्रबंधन पक्ष पर, चिकित्सा पक्ष के साथ-साथ निकासी पक्ष पर विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रधानमंत्री ने इस बात का जायजा लिया कि बोर्ड की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए।
वहीं, एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि जानकारी मिली है कि मरने वालों की संख्या 11 हो गई है।
विशाखापत्तनम गैस लीक मामले पर दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि हालात का जायजा लेने पुणे से टीम रवाना हो गई है। सरकार ने बताया कि विशाखापत्तनम में फैक्ट्री के आसपास के इलाकों में रह रहे 200-250 परिवारों को निकाला गया।

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