हाईटेक पाइप्स ने पॉली हाउस में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए चलाया जागरूकता अभियान

 

संवाददाता (दिल्ली) हाईटेक पाइप्स खेती में केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करने से फसलों पर होने वाले विपरीत प्रभावों के संबंध में जागरूकता फैलाएगी। जैविक खेती को बढ़ावा देकर कंपनी रासायनिक उर्वरकों से निजात पाने का दीर्घकालीन समाधान पेश करेगी

हाईटेक पाइप्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “जीरो बजट फार्मिंग” के विजन का पुरजोर समर्थन किया है। देश के प्रमुख शहरों में हाइटेक पाइप्स विभिन्न हिस्सेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर रासायनिक उवर्रकों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जागरूकता फैलाएगी। पॉलीहाउसेज में जैविक खेती को बढ़ावा देने के माध्यम से कंपनी इस समस्या का दीर्घकालीन समाधान पेश करेगी।

हाईटेक पाइप्स लिमिटेड (एनएसई : एचआईटीईसीएच) 1985 में स्थापित की गई। यह भारत की प्रमुख स्टील कंपनियों में से एक है। कंपनी ने लगभग तीन दशकों से अपनी मौजूदगी स्टील पाइप्स, हॉलो सेक्शन ट्यूब्स, कोल्ड रोल्ड कॉयल्स और स्ट्रिप्स, रोडक्रैश बैरियर और दूसरे गैल्वनाइज्ड प्रॉडक्ट्स में दर्ज कराई है।

हाईटेक पाइप्स सरकार के विजन से तालमेल रखते हुए किसानों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए कई अभियान चला रही है। इन अभियानों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि पर्यावरण या इको सिस्टम को कोई नुकसान न पहुंचे।
पुणे में हुए क्षेत्रीय उपभोक्ता सम्मेलन के दौरान कंपनी की ओर से यह नई कैंपेन लॉन्च की गई। बैठक में शामिल तमाम लोगों ने इस अभियान के प्रति दिलचस्पी दिखाई। पुणे, नासिक, मुंबई, नागपुर और आसपास की जगहों के 150 प्रमुख डिस्ट्रिब्यूटर्स, डीलर्स, रिटेलरों और फ्रैबिकेटर्स ने बैठक में भाग लिया।

गौरतलब है कि पॉलीहाउस फार्मिंग जैविक खेती का ही हिस्सा है। इसमें स्टील, लकड़ी, बांस या एल्युमीनियम के फ्रेम का स्ट्रक्चर बनाया जाता है। खेती वाली जमीन को घर जैसे आकार में पारदर्शी पॉलीमर से ढक दिया जाता है। पॉलीहाउस के अंदर न बाहर की हवा जा सकती है, न पानी। इससे फसलों पर कीड़े-मकौड़ों का भी कोई असर नहीं होता। तापमान भी जरूरत के मुताबिक कम-ज्यादा किया जा सकता है।

हाईटेक पाइप्स लिमिटेड के निदेशक श्री अनीश बंसल ने कस्टमर मीट में कहा, “जीरो बजट फार्मिंग” जैविक खेती के बेहतरीन तरीकों में से एक है। इससे पांरपरिक ढंग से खेती के मुकाबले फसलों के लिए पानी की खपत काफी कम होती है। इसमें फसल उत्पादन की लागत घटाने के लिए किसान खेती के बेहतरीन तरीकों का प्रयोग करता है। इस तरीके से फसलों पर रायासनिक उवर्रकों या कीटनाशकों का प्रयोग पूरी तरह खत्म हो जाता है। इसके अलावा हमारे किसानों को पॉलीफार्मिंग के लिए सरकारी सब्सिडी की योजनाओं का बेहतर तरीके से लाभ उठाना चाहिए, जिससे फसल की उत्पादकता कई गुना बढ़ जाएगी। यह तरीका अपनाने पर किसानों को साल भर में कई फसल उगाने का विकल्प मिलेगा। जैविक कृषि के लिए जरूरी जीआई पाइप्स की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए कंपनी ने हाईटेक ऑर्गेनिक जीआई पाइप्स लॉन्च किए हैं।“
“जीरो बजट फार्मिंग” के मॉडल से कृषि की लागत बहुत कम हो जाएगी। इससे किसानों की खेती की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। उन्हें कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। लोकसभा में 2019 के बजट भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले समय में जीरो बजट फॉर्मिंग से किसानों को दोगुना मुनाफा होगा।

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