एस्ट्राजेनेका की डायबिटीज दवा ह्रदय रोग के मरीजों के लिए लाभकारी

संवाददाता (दिल्ली) अनुसन्धान में यह पाया गया है कि दुनिया का हर आठवां ह्रदय रोगी भारतीय है।  इनमें से 40% लोगों को डायबिटीज की बीमारी भी है।  टाइप-2 डायबिटीज से जुडी कार्डियोवैस्कुलर बिमारियों में ह्रदय रोग सबसे पहली बीमारी है जिससे रोगी की जान जाने का खतरा सबसे अधिक होता है।  वैश्विक स्तर से पायी गई जानकारी के अनुसार ह्रदय रोग के करीबन 50% मरीज 5 सालों के भीतर अपनी जान गवा देते हैं।  इसका एक कारण यह है कि सांस फूलना और थकान इन ह्रदय रोग के आम लक्षणों को एनीमिया या फेफड़ों की आम बीमारी समझ कर नजरअंदाज किया जाता है।

दुनिया की सबसे बड़ी बायो-फार्मास्युटिकल कंपनियों में से एक एस्ट्राजेनेका ने आज अपनी नई डायबिटीज दवा डेपाफ्लोजिन के डेपा – एचएफ (DAPA-HF) क्लिनिकल परीक्षणों के नतीजों की घोषणा की।  इन नतीजों के अनुसार टाइप-2 डायबिटीज के या दूसरे मरीजों में ह्रदय रोग पर इलाज में यह दवा काफी गुणकारी सिद्ध हुई है। फ़्रांस के पैरिस में ईएससी कॉंग्रेस 2019 में आज पेश किए गए ब्यौरेवार नतीजों में यह बताया गया है कि फोर्क्सिगा ने ह्रदय काम न कर पाने की वजह से होने वाली मृत्यु या ह्रदय ठीक से काम न कर पाने के कम्पोजिट को 26% (पी <0.0001) से कम किया और कम्पोजिट एंडपॉइन्ट पर हर एक व्यक्तिगत घटकों में कमी आती हुई दिखाई दी।  यह परिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस परिक्षण में शामिल किए गए लगभग एक चौथाई मरीज भारत सहित एशिया के अन्य देशों के थे।

कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के कार्डिएक सायन्सेस के निदेशक डॉ. जमशेद दलाल ने इन नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया, “डेपा – एचएफ (DAPA-HF) परिक्षण में पाया गया है कि ह्रदय रोग के मरीजों के लिए यह दवा गुणकारी है।  इसमें कोई अतिरिक्त सुरक्षा चिंताएं नहीं थीं।  डायबिटीज या ह्रदय रोग के मरीजों के लिए यह बहुत ही अच्छी खबर है, खास कर भारत के लिए क्योंकि कई सारे मरीजों में डायबिटीज और ह्रदय रोग यह दोनों बीमारियां एक साथ पायी जाती हैं।”

यह एकमात्र एसजीएलटी2 इन्हीबिटर है जो टाइप-2 डायबिटीज के या अन्य मरीजों में ह्रदय रोग के इलाज में फायदेमंद सिद्ध हुआ है।

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