सीआईआई सीबीआरई रिएल्टी सम्मेलन 2019 के पन्द्रहवें संस्करण के दौरान रिपोर्ट रियल एस्टेट- अ रीलुक’ का लाॅन्च

सीआईआई ने अपने प्रमुख रियल एस्टेट सम्मेलन सीआईआई सीबीआरई रिएल्टी 2019 के पन्द्रहवें संस्करण के दौरान अपने नाॅलेज पार्टनर सीबीआरई के सहयोग से आज एक संयुक्त रिपोर्ट रियल एस्टेट- अ रीलुक’ जारी की।

सम्मेलन के दौरान रियल एस्टेट समुदाय को सम्बोधित करते हुए भारत सरकार में आवास एवं शहरी मामलों, नागरिक विमानन (स्वतन्त्र प्रभार) और काॅमर्स एण्ड इंडस्ट्री के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘रेरा के आगमन से रियल एस्टेट के इतिहास में एक क्रान्तिकारी दौर की शुरूआत हुई है। इन नई नीतियों एवं विनियमों के तहत किए गए सुधारों के चलते सेक्टर में आई पारदर्शिता के मद्देनज़र समय आ गया है कि नए टेक्नोलाॅजी उन्मुख दृष्टिकोण को अपनाया जाए, हरित एवं पर्यावरण के अनुकूल घरों की अवधारणा को बढ़ावा दिया जाए।

 

सीआईआई-सीबीआरई नाॅलेज पेपर ‘रियल एस्टेट-अ रीलुक’ का अनावरण भारत सरकार में आवास एवं शहरी मामलों, नागरिक विमानन (स्वतन्त्र प्रभार) और काॅमर्स एण्ड इंडस्ट्री के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री अंशुमन मैगज़ीन, चेयरमैन-सीआईआई रिएल्टी 2019 और को-चेयर, सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन हाउसिंग एण्ड रियल एस्टेट एवं चेयरमैन और सीईओ- भारत, दक्षिणपूर्वी एशिया, मध्यपूर्व और अफ्रीका, सीबीआरई तथा श्री अनिल सराफ, को-चेयरमैन, सीआईआई रिएल्टी 2019 एवं सीएमडी, एएसएफ ग्रुप भी मौजूद थे।

 

रिपोर्ट में इस बात पर रोशनी डाली गई है कि कैसे रियल एस्टेट दशकों की पारम्परिक अवधारणाओं से बदल कर अब ‘डिसरप्टर्स’ के साथ क्रान्तिकारी दौर से गुज़र रहा है, जिससे क्षेत्र में मांग बढ़ी है, नीतिगत सुधारों के चलते विनियमों में बदलाए आए हैं, भारत की भावी प्रतिभा विश्वस्तरीय मानचित्र पर अपनी छाप छोड़़ने केे लिए तैयार है।

‘रियल एस्टेट- अ रीलुक’ मुख्य कारकों का संग्रह है, जो भारतीय रियल एस्टेट को नए आयाम दे रहे हैं और सेक्टर के भविष्य में बदलाव लाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह उद्योग जगत के सभी हितधारकों के बीच वार्ता को बढ़ावा देती है और ऐसी योजनाओं, संभावनाओं और दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करती है जो नए युग केे इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दें।

 

स्मार्ट सिटी, को-वर्किंग स्पेसेज़, अफाॅर्डेबल हाउसिंग, लाॅजिसिटक्स और वेयरहाउसिंग के विकास का विवरण प्रस्तुत किया गया है तथा भविष्य के लिए संदर्भ प्रस्तुत किए गए हैं। रिपोर्ट विनियामक सुधारों जैसे रेरा, आरईआईटी, कारोबार की सुगमता, सभी के आवास जैसे नियमों एवं नीतिगत बदलावों का मूल्यांकन करती है, जिनसे पूरी रिएल्टी मूल्य श्रृंखला में आवश्यक पारदर्शिता आई है। भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में आधुनिक तकनीकों और प्राॅपटेक की भूमिका तथा ‘भविष्य के लिए तैयार’ प्रतिभा की आवश्यकता ऐसे मुख्य पहलु हैं जो सेक्टर के विकास के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।

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