अक्षरधाम के पास धूं-धूंकर जलने लगी चलती कार, मां और दो बेटियों की मौत
दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के सामने फ्लाईओवर पर चलती कार में आग लगने के बाद बदनसीब पति उपेंद्र ने पत्नी और दो बेटियों को चिता में तब्दील होते देखा। बेबस उपेंद्र को इतनी भी मोहलत नहीं मिली कि वह कार का दरवाजा खोलकर तीनों की जान बचाता। फ्लाईओवर पर चढ़ते ही उनकी कार के इंजन से चिंगारी निकली। उपेंद्र समझदारी दिखाते हुए कार को सड़क के किनारे ले गए, लेकिन तब तक पीछे से लपटें उठने लगीं। उपेंद्र ने चालक सीट का दरवाजा खोल लिया और बेटी सिद्धि को बाहर निकालकर खड़ा ही किया था कि लपटों ने तीनों को जद में ले लिया। जब तक दरवाजे पर उनका हाथ जाता, पूरी कार धू-धूकर जल उठी।
हादसे के बाद रो-रोकर उपेंद्र कुछ ही बता पा रहे थे। दरअसल, उपेंद्र का साप्ताहिक अवकाश सोमवार को होता है। बच्चों ने घूमने की जिद की तो उन्होंने रविवार को ही छुट्टी ले ली। हादसे में उपेंद्र की एकमात्र बची बच्ची को तो पता भी नहीं कि उसकी दो बहनें और मां हमेशा के लिए परिवार से जुदा हो गए हैं। मासूम बस पिता को रोता हुआ देखकर रोए जा रही थी। इस दर्दनाक हादसे को देखकर मौके पर मौजूद लोग भी गमगीन हो गए।
महिला और दो बेटियों की मौत की सूचना के बाद लोनी की राहुल विहार इलायचीपुर कॉलोनी में मातम पसरा हुआ है। घटना की सूचना के बाद उपेंद्र के घर में रिश्तेदार और अन्य लोग पहुंचे। पड़ोसियों के बताने के बाद सभी दिल्ली रवाना हो गए।
मूल रूप से मोर्चा नहर रामपुर अलीगंज जिला एटा के रहने वाले उपेंद्र मिश्र के चचेरे भाई योगेश मिश्र ने बताया कि एटा में रह रहे उनके पिता को सूचना नहीं दी गई है, लेकिन अन्य परिजनों को बता दिया है। वे सुबह होने से पहले लोनी पहुंच जाएंगे। घटना के बाद से मकान में ताला लगा है। कॉलोनी के लोग और परिजन उपेंद्र और उनकी एक बेटी के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
बता दें कि यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन से अक्षरधाम मंदिर की ओर जाने वाले फ्लाईओवर पर रविवार शाम चलती कार में अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि कार चालक एक बेटी को ही गोद में लेकर बाहर निकल पाए। उनकी पत्नी और दो बेटियों की जलकर मौत हो गई। सूचना पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। इसके बाद शवों को बाहर निकाला गया। मृतकों की पहचान रंजना मिश्र (34) और बेटियां रिद्धि (5) व निक्की (2) के रूप में हुई है। हादसे में बचे उपेंद्र (36) और तीन वर्षीय बेटी सिद्धि को प्राथमिक उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आशंका जताई जा रही है कि शॉर्ट सर्किट या सीएनजी की पाइप में लीकेज से कार में आग लगी। मंडावली पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच के लिए फोरेंसिक टीम भी बुलाई जा रही है।
उपेंद्र मिश्र परिवार के साथ राम पार्क, लोनी, गाजियाबाद में रहते हैं। वह कार 24 में मार्केटिंग विभाग में नौकरी करते हैं। रविवार दोपहर वह पत्नी और तीन बेटियों को लेकर डटसन-गो कार (टैक्सी) से कालकाजी मंदिर लेकर पहुंचे। कार में सीएनजी किट लगी थी। कालकाजी मंदिर से परिवार सहित घर लौटते समय पत्नी ने अक्षरधाम मंदिर जाने की बात कही। उपेंद्र ने कार शकरपुर चुंगी से अक्षरधाम मंदिर की ओर मोड़ दिया। कार यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन से आगे जैसे ही रेलवे ओवरब्रिज पर बने फ्लाईओवर पर चढ़ने लगी, उसमें आग गई। उपेंद्र बगल वाली सीट पर बैठी बेटी सिद्धि को लेकर तुरंत बाहर निकले, तभी कार में तेजी से आग फैल गई। उपेंद्र पत्नी और दो अन्य बेटियों को बाहर नहीं निकाल पाए। जब तक दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंचती, कार पूरी तरह जल चुकी थी। कार के भीतर ही रंजना और उनकी दो बेटियों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शवों के अवशेषों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल भेज दिया है।
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