चीन में शी चिनफिंग के आजीवन राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ

चीन की संसद ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए महज दो कार्यकाल की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. संसद के इस कदम से देश के मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग जिंदगी भर इस शीर्ष पद पर बने रह सकेंगे.

चीनी संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस( एनपीसी) के करीब 3,000 सांसदों में से दो- तिहाई बहुमत ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को महज दो कार्यकाल देने की अनिवार्यता खत्म करने के पक्ष में मतदान किया.

गौरतलब है कि सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष संगठन सात सदस्यीय स्थाई समिति ने इस संशोधन को आम सहमति से मंजूरी दे दी है. एनपीसी को देश के अधिकार विहीन संसद के रूप में देखा जाता है जो हमेशा सीपीसी के सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे देता है. ऐसे में इस संविधान संशोधन के भी संसद में बिना किसी रुकावट के ध्वनिमत से पारित होने की पूरी संभावना पहले से ही थी.

पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष माओ त्से तुंग के बाद पिछले दो दशक से पार्टी के नेता दो कार्यकाल की अनिवार्यता का पालन करते रहे हैं, ताकि तानाशाही से बचा जा सके और एक दलीय राजनीति वाले देश में सामूहिक नेतृत्व सुनिश्चित किया जा सके.

संविधान संशोधन के बाद 64 साल के जिनपिंग के जीवन भर चीन का नेता बने रहने के रास्ते का रोड़ा समाप्त हो जाएगा. फिलहाल उनका पांच साल का दूसरा कार्यकाल चल रहा है और मौजूदा प्रणाली के तहत वह शासन के 10 साल पूरे होने के बाद 2023 में रिटायर हो जाएंगे.

माओ के बाद शी को देश का सबसे मजबूत नेता माना जाने लगा है, क्योंकि वह देश के राष्ट्रपति होने के अलावा सीपीसी और सेना दोनों के प्रमुख भी हैं.

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