पहली बार विदेश में छुट्टियां मनाने गए 100 रेलवे कर्मचारी

रेलवे ने पहली बार बिना किसी आधिकारिक कार्य के अपने कर्मचारियों को विदेश यात्रा पर भेजा है। खास बात यह है कि इस विदेश यात्रा पर अधिकारी नहीं बल्कि गैंगमैन और ट्रैकमैन जैसे गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को भेजा गया है।

दक्षिण-मध्य रेलवे (एससीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एम. उमाशंकर कुमार ने मंगलवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, 28 जनवरी को 100 कर्मचारियों का दल छह दिनों की छुट्टियां मनाने के लिए सिंगापुर और मलेशिया के लिए रवाना हुआ था। इस विदेश यात्रा का 25 फीसद खर्च कर्मचारी वहन कर रहे हैं जबकि 75 फीसद खर्च कर्मचारी कल्याण कोष (एसबीएफ) से प्रदान किया गया है।

इस दल में सभी कर्मचारी दक्षिण-मध्य रेलवे के हैं। यात्रा के लिए चयन में ऐसे कर्मचारियों को प्राथमिकता दी गई है जो निचले स्तर के हैं और जिनकी सेवानिवृत्ति नजदीक है। प्रत्येक खंड, कार्यशाला और मुख्यालय से कर्मचारियों की संख्या का आवंटन उनकी स्वीकृत संख्या के आधार पर किया गया। एससीआर ने पिछले साल दिसंबर में कर्मचारियों को इस विदेश यात्रा का प्रस्ताव भेजा था और एक महीने से भी कम समय में यह दल विदेश यात्रा पर है।

कर्मचारियों के भ्रमण कार्यक्रम में सिंगापुर का यूनिवर्सल स्टूडियो, सेंटोसा व नाइट सफारी; जबकि मलेशिया में कुआलालंपुर शहर का भ्रमण, पेट्रोनास टॉवर, बातू की गुफाएं और जेंटिंग हाईलैंड्स शामिल हैं।

मालूम हो कि रेलवे बोर्ड की ओर से एसबीएफ का आवंटन रेलवे के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के लिए किया जाता है। सामान्यत: इसका इस्तेमाल निचले स्तर के कर्मचारियों की छात्रवृत्ति, लड़कियों के कल्याण, बच्चों के लिए शिविरों का आयोजन और अन्य सामाजिक रूप से प्रासंगिक कार्यो के लिए किया जाता है।

 

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